विवशता
>> गुरुवार, 12 अप्रैल 2007
कुछ चिट्ठों पर टिप्पणी देने के लिए ब्लॉगर या गूगल खाते से साइन इन करना होता है। इस विवशता का परिणाम है यह।
यदि यह घर अच्छा लगा तो भविष्य में यहाँ डेरा जमाया जाएगा।
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5 टिप्पणी:
विवशता ही सही खाता तो खोला।
अतुल जी आप ने जो सुरुआत कि है, भले ही विवशता मैं आकर , उम्मीद है कि आप आगे भी हिंदी मैं ब्लोग्गिंग करते रहेंगे और हिंदी पाठको को अपने विचारो से अवगत कराते रहेंगे।
सुभ कामनाओ सहित, आपका मित्र अशोक शर्मा.
हिन्दी दिवस के दिन आपके इस नए चिट्ठे के साथ आपका स्वागत है .. ब्लाग जगत में कल से ही हिन्दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्छा लग रहा है .. हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!
ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. आपको पढ़कर बहुत अच्छा लगा. सार्थक लेखन हेतु शुभकामनाएं. जारी रहें.
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Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
great,welcome
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